सीने में दर्द की शिकायत एक ऐसी समस्या है जिसको लेकर लोग बहुत गंभीर रहते हैं। यह ऐसी समस्या है जिसकी आहट से ही लोग घबरा जाते हैं। सीने में दर्द मासपेशियों, हड्डियों, नसों की वजह से, फेफड़ों सम्बन्धी किसी बीमारी की वजह से, ह्रदय सम्बन्धी रोगों के कारण, लिवर, पेट, अग्नाशय आदि की बिमारियों के कारण भी सीने में दर्द हो सकता है। यह दर्द किस प्रकार का है, कितना तेज है और कितनी देर तक दर्द रहता है इस पर बहुत कुछ निर्भर करता है। हार्ट पेन काफी तेज और तीन से चार मिनट तक होता है। फेफड़ों में तकलीफ के कारण होने वाला दर्द सांस पर निर्भर करता है। मासपेशियों के कारण होने वाला दर्द मूवमेंट के साथ बदलता है। इनमें से ज्यादातर दर्द गंभीर नहीं होते। एसिडिटी की वजह से होने वाला दर्द एंटासिड या भोजन लेने से दूर हो जाता है।
आइये जानते हैं ऐसे ही कई सीने में दर्द के प्रकार और उनके कारण व उपचार।
- फेफड़ों में इन्फेक्शन की वजह से होने वाला दर्द:
सांस लेने में तकलीफ या फिर फेफड़ों में इन्फ़ेक्सन की वजह से भी सीने में दर्द की शिकायत होती है। यह समस्या फंगल, बैक्टेरिया या वाइरस की वजह से हो सकती है।
इसमें कफ जमने के साथ बुखार, निमोनिया, ठण्ड की वजह से सीने में दर्द होता है। यह समस्या कमजोर प्रतिरक्षात्मक प्रणाली वालों में, हार्ट प्रॉब्लम्स, डाइबटीज या फिर अस्थमा के मरीजों में होने की संभावना ज्यादा होती है।
उपचार:
इसमें गर्म पानी की भांप लेने से फायदा होता है। अदरक, लहसुन और शहद का सेवन करना चाहिए। ये तीनों ही इम्युनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ हैं।
बचाव:
खाने में खट्टे पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए। जिस जगह पर आप इन्फ़ेक्सन या वाइरल के प्रभाव में जल्दी आते हैं, ऐसी जगह से बचना चाहिए।
- ह्रदय की ब्लड सप्लाई में गड़बड़ी:
कोरोनरी आर्टरी में गड़बड़ी के कारण ब्लड सर्कुलेसन कम हो जाता है। जिससे हार्ट की मसल्स की ब्लड सप्लाई और आक्सीजन की मांग पूरी नहीं हो पाती। जिससे सीने में दर्द होता है। इस कंडीशन को एंजाइना कहते हैं।
इसमें छाती में दर्द के साथ पसीना आता है। सांस लेने में रूकावट होना, सीने में जलन होना इसके कुछ लक्षण हैं। इसलिए अगर थोड़ा सा चलने या फिर सीढियाँ चढ़ने या उतरने पर या फिर कोई फिजिकल काम करने पर ऐसा लगे तो सतर्क हो जाना चाहिए और डॉ की सलाह लेनी चाहिये।
उपचार:
इसमें डॉ मरीज को डिस्प्रिन की एक गोली देते हैं। यह दवा रक्त के थक्कों को घोलने का काम करती है। सीने में दर्द से राहत के लिए नैतरोगिलिन दी जाती है।
बचाव:
इससे बचने के लिए नियमित वॉक करनी चाहिए। जंक फूड, नमक और शक्कर का सेवन कम करना चाहिए।
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- पेट दर्द के साथ जलन होने से:
सीने में दर्द एसिडिटी, रिफ्लक्स या फिर अल्सर आदि की वजह से भी हो सकता है। कभी कभी पेट के हिस्से में होने वाला दर्द सीने में जलन के साथ होने लगता है। ज्यादा दवाइयां लेने की वज़ह से भी यह समस्या हो सकती है।
उपचार:
जीरे के कुछ दानें पानी में उबालकर उस पानी को पीने से एसिडिटी में लाभ मिलता है। डाइजीन सिरप या फिर डाइजीन की गोली दिन में दो या तीन बार खानी चाहिए।
बचाव:
सुबह खाली पेट एक गिलास पानी पीने से एसिड पेट से निकल जाता है। मसालेदार खाना, प्रोसेस्ड फ़ूड और कार्बोनेटेड पेय के सेवन से बचना चाहिए।
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