भ्रष्टाचार: पाप या प्यार
जल्दी-जल्दी मै स्टेशन पंहुचा और शुकून की साँस लेने के बाद घड़ी की तरफ नजर दौड़ायी, जो मेरी जीत और ट्रेन की हार की तरफ इशारा कर रही थी .…
जल्दी-जल्दी मै स्टेशन पंहुचा और शुकून की साँस लेने के बाद घड़ी की तरफ नजर दौड़ायी, जो मेरी जीत और ट्रेन की हार की तरफ इशारा कर रही थी .…
3 सौ SUV गाड़िया, हजारो से अधिक समर्थको की मौजूदगी में भागलपुर जेल ने जनाब शाहबुद्दीन साहब को रिहा कर इतिहास रचा, वैसे जनाब की आजादी का रिवेलुशन महागठबन्धन जमाने…
मेरी प्रियतमा, अभिवादन, लगभग एक साल बाद तुम्हे पत्र के माध्यम से अपने भावनाओं को तुम्हारे सामने रख रहा हूँ। यह तब लिख रहा हूं जब मै अपने आत्ममंथन के…