कुछ देर ही के वास्ते आ जाओ पास तुम
सपने हसीं सजाये, कई साल हो गये | आँखों को मुस्कुराऐ, कई साल हो गऐ || बच्चा न मुझको जानिये, देखा है ये जहाँ | दुनिया में मुझको आये कई…
सपने हसीं सजाये, कई साल हो गये | आँखों को मुस्कुराऐ, कई साल हो गऐ || बच्चा न मुझको जानिये, देखा है ये जहाँ | दुनिया में मुझको आये कई…
We generally consider knowledge one element. We imagine that researchers and scholastics are brainy and "talented" individuals. Yet, in the event that we place them in a bank, they might…
ज़मीं अपनी नहीं समझे,बता फिर आसमाँ कैसा मिला था एक मौका ये समझने का ,जहाँ कैसा ख़ता ये थी कि हमने साथ चलने की क़सम खाई सज़ा के तौर पर…