मत रोको मुझे

बिहार की शिक्षा प्रणाली की दुर्दशा पर "कवि अभिषेक गोस्वामी" एक संवेदनशील कविता मत रोक मुझे मत रोक मुझे अपनी हस्ती खोने को अपने जन्मभूमि से दूर होने को पल…

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तुम हो न साथ मेरे!!!

आज, मेरी साप्ताहिक छुट्टी थी। मैंने काफी कुछ सोच रखा था आज के लिए, काफी दोस्तों से मिलना था, कुछ अधूरे काम भी निपटाने थे। इस भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी…

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