छोड़ आए गाँव को तुम

छोड़ आए गाँव को तुम, भूल आए खेत को तुम जताते हो फ़कीरी, भूखे सिकुरे पेट को चलिये आज लिखते हैं कुछ !! कुछ मुद्दों के लिए ! तुम्हारे likes,…

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काहे का’अखरण’

जब से नोटबंदी हुई है तब से रोज अख़बारों में कुछ नया नया सुनाने को मिल रहा है। कभी काले धन के साथ कुछ पकड़ें जाते है तो कभी कोई बैंककर्मी…

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नारी शिक्षा : स्वतंत्रता की कुंजी

हमारा देश एक पुरुष प्रधान देश है, वैसे स्त्रियाँ भी अब समाज के अहम् फैसले लेने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है, पर यह अनुपात संतोष जनक नही है।…

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