जातिगत आरक्षण: एक सामाजिक बुराई

आज कल हमारे समाज में आरक्षण एक लाइलाज बीमारी बनी हुई है, जिसका कोई इलाज नही है। हम आज तक आरक्षण के बारिकियों को अच्छी तरह नही समझ पायें हैं।…

Continue Readingजातिगत आरक्षण: एक सामाजिक बुराई

आखिर क्यों ? आखिर कौन ? और आखिर कब तक?

हर दिन की तरह आज का दिन भी काफी खुशनुमा था। ठंडक भरी सुबह में शायद आज ज्यादा ताजगी थी। आज शनिवार था अतः हमेशा की तरह नित्यकार्यो ने निवृत…

Continue Readingआखिर क्यों ? आखिर कौन ? और आखिर कब तक?

काहे का’अखरण’

जब से नोटबंदी हुई है तब से रोज अख़बारों में कुछ नया नया सुनाने को मिल रहा है। कभी काले धन के साथ कुछ पकड़ें जाते है तो कभी कोई बैंककर्मी…

Continue Readingकाहे का’अखरण’