समाज के लिए या समाज से
बहुत दिनो बाद मुझे ग़ाव जाने का मौका मिला, सुबह-सुबह उठा गाड़ी निकाली और निकल पड़ा. मेरा ग़ाव शहर से 65 km की दुरी पर है. मैंने खुद ही ड्राइव…
बहुत दिनो बाद मुझे ग़ाव जाने का मौका मिला, सुबह-सुबह उठा गाड़ी निकाली और निकल पड़ा. मेरा ग़ाव शहर से 65 km की दुरी पर है. मैंने खुद ही ड्राइव…