सफर मेरा :- तुझसे परे, साथ तेरे !!!
जुगणुयों जैसा था मैं, छोटा सा परन्तु प्रकाशवान, लघु सा, पर विचरने वाला पूरा अकल्पनीय अथाह आसमान, ताजे हवाओं की भांति यहाँ से वहाँ गतिमान, सपने थे कुछ मेरे भी,…
जुगणुयों जैसा था मैं, छोटा सा परन्तु प्रकाशवान, लघु सा, पर विचरने वाला पूरा अकल्पनीय अथाह आसमान, ताजे हवाओं की भांति यहाँ से वहाँ गतिमान, सपने थे कुछ मेरे भी,…