गजल हिन्दी मे | फिर से तुझे पाने की दुआ कर रहा हूँ
ग़ज़ल लिख रहा हूँ दुआ कर रहा हूँ !! बहुत दर्द में हूँ ......दवा कर रहा हूँ !! मेरे ज़ख्म फिर सूखने लग गए थे, तुझे याद कर के नया…
ग़ज़ल लिख रहा हूँ दुआ कर रहा हूँ !! बहुत दर्द में हूँ ......दवा कर रहा हूँ !! मेरे ज़ख्म फिर सूखने लग गए थे, तुझे याद कर के नया…
ज़मीं अपनी नहीं समझे,बता फिर आसमाँ कैसा मिला था एक मौका ये समझने का ,जहाँ कैसा ख़ता ये थी कि हमने साथ चलने की क़सम खाई सज़ा के तौर पर…
तुम्हारा प्यार पाने को फिर आये हैं जन्म ले कर तुम्हीं ने तो बुलाया है हमें फिर से कसम दे कर बुलायेगा हमें जब जब तू हम आयेगे तब यूँ…