कुछ देर ही के वास्ते आ जाओ पास तुम
सपने हसीं सजाये, कई साल हो गये | आँखों को मुस्कुराऐ, कई साल हो गऐ || बच्चा न मुझको जानिये, देखा है ये जहाँ | दुनिया में मुझको आये कई…
सपने हसीं सजाये, कई साल हो गये | आँखों को मुस्कुराऐ, कई साल हो गऐ || बच्चा न मुझको जानिये, देखा है ये जहाँ | दुनिया में मुझको आये कई…
ज़मीं अपनी नहीं समझे,बता फिर आसमाँ कैसा मिला था एक मौका ये समझने का ,जहाँ कैसा ख़ता ये थी कि हमने साथ चलने की क़सम खाई सज़ा के तौर पर…
ज़िंदा रहने की ये तरकीब निकाली हमने बात जो ख़ुद से बिगाड़ी थी बना ली हमने देख ले हम तेरे ज़िन्दान से आज़ाद हुए इश्क़ ज़ंजीर तेरी तोड़ ही डाली…