हसीं हम ने बहुत देखे कोई तुम सा नहीं देखा
कभी ऐसा नहीं देखा कभी वैसा नहीं देखा, अभी तक मेरी नज़रों ने तेरे जैसा नहीं देखा, यहाँ दिल्ली में मुम्बई में वहाँ लन्दन में पैरिस में, हसीं हम ने…
कभी ऐसा नहीं देखा कभी वैसा नहीं देखा, अभी तक मेरी नज़रों ने तेरे जैसा नहीं देखा, यहाँ दिल्ली में मुम्बई में वहाँ लन्दन में पैरिस में, हसीं हम ने…
"यक़ीनन वो पढ़ा-लिक्खा नहीं है जो चेहरा आपका पढ़ता नहीं है हज़ारों ख़ूबसूरत हैं जहाँ में कोई भी आपके जैसा नहीं है न जाने कितने ग़म सहता है इंसाँ कोई…
रात में मुस्कुरा रहे हो तुम चाँद को क्यूँ चिढ़ा रहे हो तुम?? फूटकर रो पड़ा जो बादल भी कौनसा गीत गा रहे हो तुम?? मुझको अपना बता के दुनिया…