प्यार सच्चा हो तो क्यूँ मिलता नहीं है
"यक़ीनन वो पढ़ा-लिक्खा नहीं है जो चेहरा आपका पढ़ता नहीं है हज़ारों ख़ूबसूरत हैं जहाँ में कोई भी आपके जैसा नहीं है न जाने कितने ग़म सहता है इंसाँ कोई…
"यक़ीनन वो पढ़ा-लिक्खा नहीं है जो चेहरा आपका पढ़ता नहीं है हज़ारों ख़ूबसूरत हैं जहाँ में कोई भी आपके जैसा नहीं है न जाने कितने ग़म सहता है इंसाँ कोई…