अगर आपको कॉफ़ी पीने की लत है तो आपको घबराने या पछताने की जरुरत नहीं है। विज्ञान हर रोज ऐसे प्रमाण दे रहा है जिससे पता चलता है कि कॉफी पीने की आदत स्वास्थ्य के लिए खतरनाक नहीं बल्कि फायदेमंद है। कॉफी दिल की धमनियों को साफ़ रखती है। इसके अलावा कॉफ़ी टाइप 2 डाइबटीज के खतरे को कम करती है और इसमें कैंसर से लड़ने वाले एंटी आक्सिडेंट्स हैं। नये शोध से पता चला है कि कॉफ़ी बुढ़ापे से लड़ने में सहायक है।
एक नई स्टडी में यह पता चला है। इस नई खोज के लिए शोधकर्ताओं ने कॉफी पीने वालों और कॉफी न पिने वालों की कोशिकाओं को स्टडी किया। इस नई स्टडी में पाया गया कि ज्यादा कैफीन लेने वाले बुजुर्गों में जलन और शारीरिक उतेजना का स्तर कम रहा। शारीरिक जलन जिसको इंफ्लामेशन्स कहते हैं, कई तरह के कैंसर, जोड़ों की तकलीफ, अल्जाइमर सहित कई तरह की बिमारियों का कारण बनते हैं। स्टडी में जिन लोगों ने प्रतिदिन पांच कप या उससे अधिक कॉफ़ी का सेवन किया, उनके खून में जलन और उत्तेजना का स्तर बहुत कम रहा। जब वैज्ञानिकों ने उनके जीन्स की गतिविधियों का अध्ययन किया तो पाया कि उनमें इन्फ्लेमेशन से सम्बंधित जीन्स कम सक्रिय पाये गये उन लोगों की तुलना में जिन्होंने उतनी कॉफी नहीं पी। इन्फ्लेमेशन से शरीर की कोशिकाओं की काम करने की क्षमता पर असर पड़ता है, जिसकी वजह से शरीर उम्र के साथ श्थिल होता जाता है। इन्फ्लेमेशन की वजह से कोशिकाओं में श्थिलता आने की इस अवस्था को ही वृद्धावस्था कहते हैं।
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि काफी इन्फ्लेमेशन की तरफ जाने वाले रास्तों को ही पूरी तरह बंद कर देती है। यह कोशिकाओं को वृद्ध होने से रोकने के लिए भी फायदेमंद है क्योंकि जवान शरीर की अपेक्षा में वृद्ध शरीर की कोशिकाएं इन्फ्लेमेशन को उतनी अच्छी तरह कंट्रोल नहीं करती। स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में इम्युनिटी, ट्रांसप्लांट और इन्फ़ेक्सन इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर मार्क डेविस कहते हैं, आयु बढ़ने के साथ साथ शरीर में टूट फुट की प्रक्रिया भी बढ़ जाती है और हमारा शरीर इन्फ्लेमेशन के नियंत्रण में कम प्रभावी हो जाता है। कैफीन बुढ़ापे के कारण होने वाले असर को कम कर देती है।
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शोधकर्ताओं का कहना है, यह जानना महत्वपूर्ण होगा कि इंफ्लेमेसरी गतिविधि नियंत्रण से बाहर कब होती है। साइंटिस्ट्स एक और स्टडी कर रहे हैं जिसमे 1000 व्यक्तियों के शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली जिसको साईंटिफिक भाषा में इम्यून सिस्टम भी कहा जाता है उसका विश्लेष्ण करने में भी सहायता मिलेगी। यह नई जानकारी जीवन के विभिन्न स्तरों में इन्फ्लेमेशन का स्तर बता देगी। यह पता चल सकेगा कि क्या उसका स्तर सामान्य है या फिर किसी लाइलाज बीमारी से पीड़ित होने का खतरा है। अगर ऐसा होगा तो वे कॉफी पिने की आदत बनाये रखेंगे।
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सीधे शब्दों में बात करें तो कॉफी कोशिकाओं के वृद्ध होने की गति को कम कर देती है। हमारा शरीर कोशिकाओं से ही मिलकर बना है। इसलिए ये कहा जा सकता है कि कॉफी पीने से जल्दी बूढ़े होने से बचा जा सकता है। कॉफी हमारे शरीर को एक्टिव बनाये रखती है। इसमें पाया जाने वाला कैफीन शरीर को स्फूर्ति देता है। इसी वजह से जो व्यक्ति रात में काम करते हैं उनको कॉफी पीने की सलाह दी जाती है।
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